लखनऊ नगर निगम द्वारा लखनऊ को स्वच्छ और हरित बनाए जाने के लिए किए गए विशेष प्रयास
Gargachary Times
17 July 2025, 20:47
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लखनऊ नगर निगम द्वारा नगर को स्वच्छ एवं हरित बनाए जाने हेतु किए जा रहे कार्यों एवं शहरी कचरा प्रबंधन व पर्यावरणीय स्थिरता से संबंधित अपने विस्तृत प्रयासों में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है। शहरी कचरे को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करके, नगर निगम न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बना रहा है बल्कि लखनऊ की पर्यावरणीय गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार कर रहा है। यह तेजी से विकसित हो रहे शहरों के लिए एक अनुकरणीय मानक स्थापित कर रहा है, जो स्वच्छ, सुन्दर व हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
लखनऊ नगर की लगभग 40 लाख आबादी एवं लगभग 7.50 लाख आवासीय व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों वाले शहरी प्रबंधन में स्वच्छता सम्बन्धी कई बड़ी चुनौतियों है, जिसका सामना नगर निगम लखनऊ द्वारा दृढ़ता से किया जा रहा है। लखनऊ नगर निगम का मानना है कि वास्तव में स्वच्छ लखनऊ तभी संभव है जब इसमें नागरिकों की सक्रिय भागीदारी हो, और इसी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा नागरिकों को जागरूक किए जाने एवं सशक्त बनाए जाने हेतु निरन्तर विशेष प्रयास किया जा रहा है।
नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने और जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए नगर निगम बहुआयामी आईईसी (सूचना, शिक्षा और संप्रेषण) अभियान चला रहा है। इस दिशा में विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। साथ ही बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर भी जनजागरूकता फैलाई जा रही है। सोशल मीडिया, वार्ड स्तरीय कार्यक्रमों एवं जन रैलियों के माध्यमों से यह अभियान जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
नगर निगम द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों के परिणामस्वरूप नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी और भागीदारी की भावना तेजी से बढ़ रही है। नगर निगम की रणनीति स्रोत स्तर पर कचरे को कम करने, पृथक्कीकरण एवं पुनर्चक्रण कर उपयोग करने को बढ़ावा देती है और साथ ही लगातार नागरिक प्रतिक्रिया पर आधारित व्यवस्था को भी सुदृढ़ करती है।
प्रमुख उपलब्धियां एवं पहल
कचरा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव
नगर निगम ने लिगेसी वेस्ट के निस्तारण में उल्लेखनीय प्रगति की है। घैला डंप साइट पर 6.5 लाख टन से अधिक कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण कर लिया गया है और रिक्लेम की गई भूमि को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को हस्तांतरित कर दिया गया है। उक्त रिक्त किए गए स्थल पर 65 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल विकसित किया जा रहा है जिसने संग्रहालय, विशाल रैली ग्राउंड आदि सुविधाएं होंगी।
शिवरी प्लान्ट पर दशकों से जमा लाखों मीट्रिक टन कचरे का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण किया गया है। इसके उत्पादों का सी0पी0सी0बी0 मानकों के अनुसार निस्तारण किया गया है। इस प्रयास से जो भूमि रिक्त हुई है, वहां 2100 मी०टन क्षमता का फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग प्लान्ट एवं हरित पट्टियां विकसित की जा रही है। लखनऊ उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा शहर बन गया है जो प्रतिदिन के फ्रेश वेस्ट का 100% वैज्ञानिक निस्तारण सुनिश्चित कर रहा है। उक्त परियोजना की निगरानी सतत् रूप से 24X7 संचालित सी०सी०टी०वी० कैमरों के माध्यम से की जा रही हैं। उक्त स्थल पर लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की गई है।
शिवरी प्लान्ट में संपूर्ण ढांचागत सुविधाएं जैसे सैनिटरी लैंडफिल साइट (एस०एल०एफ०) आदि को स्थापित करते हुए फ्रेश वेस्ट से निकलने वाले बाँय प्रोडक्ट का शतप्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण किया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन लगभग 1200 मीट्रिक टन गीले कचरे से 150 टन उच्च गुणवत्ता वाली खाद तैयार की जा रही है।
नगर निगम लखनऊ द्वारा 300 मी०टन क्षमता के बायो-सी०एन०जी० एवं 150 मी०टन क्षमता के बॉयो-सी०बी०जी० परियोजनाएँ
भी विकसित की जा रही हैं, जिससे प्रतिवर्ष लगभग ₹85 लाख का राजस्व मिलने की संभावना है।
विशेष पहल
▶ नारियल के खोल से कोयर व कोकोपीट बनाने का संयंत्र स्थापित किया गया है।
> ब्लैकहोल इनसिनरेटर मशीन के माध्यम से अनुपयोगी कचरे का निस्तारण किया जा रहा है।
> प्लास्टिक पैलेट मशीन द्वारा निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट से हाई डेन्सिटी प्लास्टिक पैलेट्स बनायी जा रही है।
➤ हॉस्पिटल व नर्सिंग होम से निकलने वाले बायो-मेडिकल वेस्ट व निकलने वाले ई-वेस्ट के निस्तारण प्लान्ट की स्थापना की गई है।
> मृत पशुओं के निस्तारण हेतु कारकस प्लांट की स्थापना शिवरी प्लान्ट में की गई है।
निर्माण एवं विध्वंस (सी०एण्डडी०) कचरा प्रबंधन
ग्राम हरिकंश गढ़ी, तहसील मोहनलाल गंज में स्थापित 300 मी०टन वेट प्रोसेस सी० एंड डी० वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना नगर से उत्पन्न मलबे के निस्तारण हेतु की गई है। जिससे मलबे को पुनर्चक्रित करते हुए इंटरलॉकिंग पेवर ब्लॉक्स, बाउण्ड्री बॉल पैनल, गमले, सॉलिड ब्लॉक, ईंटे, कर्ब स्टोन आदि उपयोगी उत्पादों को बनाने में किया जा रहा है। साथ ही नगर निगम सीमान्तर्गत प्रत्येक जोन में सी0एण्डडी0 वेस्ट हेतु 8 जोनल संग्रह केंद्र स्थापित किए गए है।
घर-घर से कूड़ा संग्रहण एवं परिवहन
नगर निगम द्वारा शहर के 100% घरों एवं व्यवसायिक इकाइयों को कवर करते हुए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण को और प्रभावी बनाया गया है। तद्हेतु लगभग 1250 से अधिक ई-वाहन तैनात किए गए हैं, जिससे ईंधन की बचत और लागत में कमी हो रही है। इससे मासिक ₹3.50 करोड़ तक का यूजर चार्ज संग्रहित हो रहा है। जिसके अन्तर्गत नागरिक टोल फ्री नंबर एवं लखनऊ वन (311 ऐप) के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जिसकी सतत् मॉनीटरिंग किए जाने हेतु डेडिकेटेड कमांड एवं कन्ट्रोल सेंटर (डी०सी०सी०सी०) द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी की जा रही है।
वेस्ट टू वेल्थ एवं पर्यावरण सुधार हेतु पहल
यू०पी० दर्शन पार्क के अन्तर्गत निष्प्रयोज्य सामग्री से 16 राज्यों के स्मारकों की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं।
▶ निष्प्रयोज्य सामग्री को पुनर्चक्रित करते हुए हैपिनेस पार्क की स्थापना की गई है। जिससे जनमानस के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ राजस्व की भी प्राप्ति हो रही है।
▶ औद्योगिक स्क्रैप से बने 80 अनोखे संगीत वाद्ययंत्र की स्थापना हॉर्मोनी पार्क के रूप में की गई है।
> राजभवन के पास कचरा स्थल को अत्याधुनिक स्केटिंग रिंग ग्राउण्ड में बदला गया है तथा ऐसे 10 और स्थानों पर बनाए जाने की योजना है।
> बैकलैन डंप प्वाइंट्स को सुंदर सेल्फी पॉइंट्स में परिवर्तित किया गया है।
250 ओपन एयर जिम्स को स्वास्थ्य संवर्धन हेतु स्थापित किया गया है।
नगर निगम लखनऊ द्वारा वायु गुणवत्ता सुधार के अन्तर्गत 96 इलेक्ट्रिक रोड स्वीपर्स संचालित किए जा रहे हैं। जिससे वायु गुणवत्ता में बेस वर्ष 2017-18 की अपेक्षा पी०एम०-10 में लगभग 41% का उल्लेखनीय सुधार परिलक्षित हुआ है।
पर्यावरण सुधार हेतु प्रभावी पहल
नगर के प्रमुख सड़कों एवं खाली पड़े स्थलों पर लगभग 3.5 लाख पौधारोपण कर हरित क्षेत्र विकसित किया गया है। जिससे सड़क चौड़ीकरण और फुटपाथ निर्माण से धूल प्रदूषण में कमी के साथ वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
शहर के प्रमुख चौराहों पर वाटर फाउंटेन्स स्थापित किए गए हैं, जिससे चौराहों की सुन्दरता के साथ चौराहों पर व्याप्त प्रदूषण स्तर में भी कमी आई है।
नगर निगम द्वारा लगभग 9.6 टन जब्त की गई सिंगल यूज प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करते 2 किमी सड़क का निर्माण किया गया है। साथ ही जब्त की गई सिंगल यूज प्लास्टिक को आर०आ०आर० मॉडल के तहत कुर्सियां, टेबल, गमले आदि उपयोगी उत्पाद तैयार कराए जा रहे हैं।
शिवरी स्थित ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर 2 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। जिससे प्लान्ट के विद्युत व्यय में प्रतिमाह लगभग ₹20.00 लाख बचत की संभावना है। साथ ही नगर निगम द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाए जाने हेतु कार्बन क्रेडिट के अवसर प्राप्त किए जाने हेतु नगर निगम प्रयासरत है।
नगर निगम लखनऊ द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे सार्थक एवं सतत् प्रयासों व नवाचारी दृष्टिकोण से न केवल शहरी कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण हो पा रहा है, बल्कि इसे मूल्यवान संसाधनों में भी परिवर्तित किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक विकास में नी महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त हो रहा है।